पर्यावरण में वायुमंडल क्या है? पर्यावरण और वायुमंडल की महत्वपूर्ण जानकारी
पृथ्वी के चारो और मौजूद गैसीय आवरण कहलाता है वायुमंडल , और वायुमंडलीय दाब मापा जाता है बैरोमीटर में , वातावरण में मौजूद वायु है गैसों का मिश्रण जिसमे की मौजूद है नायट्रोजन वायु और इसकी मात्रा है 78 % और ऑक्सीजन की मात्रा है 21% तथा कार्बन मौजूद है 0.03% , और वायुमंडल में मौजूद गैस है ऑर्गन जो की एक निष्क्रिय गैस है जो की वातारण के मेल से कोई भी क्रिया नहीं करता है , वायुमंडल की आद्रता मापी जाती है हाइग्रोमीटर में , तथा पृथ्वी के 71% प्रतिशत में पानी है और इस में से 2.5% प्रतिशत पीने योग्य पानी पृथ्वी पर मौजूद है , और पृथ्वी पर ऊर्जा का मूल स्त्रोत है सूर्य और इस सूरज का पृथ्वी पर सिर्फ और सिर्फ 51% प्रतिशत ही विकिरण पहुंचते है , अगर सभी महासागरों की औसत गहराई की बात की जाय तो वह है 4000 मीटर , और समुद्री जल में औसत लवणता है 35% तथा सर्वदिक लवणता पायी जाती है वान झील में जो की मौजूद है तुर्की में और इसकी लवणता है 330%,और समुद्री जल में पाया जाता है सोडियम क्लोराइड , तथा वातावरण और जीवमंडल के बीच का सम्बन्ध कहलाता है पारिस्थितिकी , और वारूमंडल की सबसे निचली परत कहलाती है क्षोभमंडल तथा वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत कहलाती है बहिर्मंडल और मौसमी घटनाये घटती है क्षोभमंडल में, वायुमंडल की सर्वाधिक घनत्व वाली परत है क्षोभमंडल इस क्षोभमंडल की सर्वाधीक मोटाई में वृद्धि होती है ग्रीष्म ऋतु में , और क्षोभमंडल में जिसे की ट्रोपोस्फीयर भी कहा जाता है इसमें प्रति 164 मीटर तथा 1 kilo मीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद तापमान घटता है जो 1 अंश सेल्सियस से 6.4 अंश सेल्सियस तक यह घटता है , पृथ्वी के अंदर प्रति 32 मीटर जाने के बाद तापमान में वृद्धि होती है 1 अंश सेल्सियस , और जो हवाईजहाज होते है वह उड़ाते है समताप मंडल में , तथा ओझोन परत जिसे की पृथ्वी की सुरक्षा कवच भी कहा जाता है और ओझोन परत होती है समतापमंडल में जिसे की ट्रेटोस्पीयर कहा जाता है और ओझोन परत सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है जिसे की ओझोन गैस भी कहा जाता है तथा ओझोन परत मापने की इकाई है डॉबसन और ओझोन परत को नष्ट या इसको क्षरण करने वाला गैस है CFC गैस जिसका पूर्ण रूप से अर्थ है क्लोरो फ्लोरो कार्बन , तथा इस ब्रम्हांड में मौजूद पृथ्वी की तरफ आने वाले उल्का पिंड नष्ट होते है मध्यमंडल में और जो रेडियो या फिर संचार वाले माध्यम है उनके लिए जो कृत्रिमग्रह छोड़े जाते है उन्हें आयनमंडल में छोड़ा जाता है , और भारत देश की जलवायु होती है उष्ण कटिबंधीय मानसून से तथा संवहनीय वर्षा होती है विशुवृत्तीय क्षेत्रो में , सबसे अधिक वर्षा होती है विषुवृत्तीय क्षेत्र में तथा सबसे काम वर्षा होती है ध्रुवीय क्षेत्रो में और चक्रवाती वर्षा होती है पछुआ हवाओ के कारन तथा यही हवाएं कहलाती है गरजता चालीसा , और बरसात सबसे पहले आती है केरल राज्य में जून के पाहिले हफ्ते में । भारत देश में सर्वाधिक वर्षा होती है दक्षिण- पश्चिम मानसून हवाओ से , तथा तमिलनाडु के तटों पर या कोरोमंडल तटों पर बारिश होती है उत्तर- पूर्व मौनसून से या फिर लौटती है मानसून के कारन जाड़े के दिनों में भारत देश की औसत राष्ट्रिय वर्षा है 110 सेमि तथा केरल राज्य का नियम सम्बन्ध है पवनो की दिशा से , तो हमने इस पाठ में सम्पूर्ण पर्यावरण और भारत देश में पर्जन्य वृष्टि के सभी नियम और निसर्ग चक्र का पूर्ण अभ्यास किया है ।
मानव शरीर का महत्वपूर्ण अभ्यास
मानव शरीर के खोपड़ी में हड्डिया की संख्या होती है 8 तथा मनुष्य का ह्रदय हर 1 मिनट में 72 बार धड़कता है । जो स्वस्थ हेल्थी मनुष्य है उसका श्वसन दर है 1 मिनट में 16 से 18 बार , मानव मस्तिष्क का वजन होता है 1350 से 1400 ग्राम तथा मानव शरीर की सबसे बड़ी हड्डी है फीमर जो की हमारे शरीर के जांघ में होती है और सबसे छोटी हड्डी होती है स्टेपीज जो की हमारे शरीर में कान के अंदर पाई जाती है । मानव शरीर की सबसे मजबूत हड्डी है जबड़े की हड्डी , मानव शरीर का सबसे कठोर तत्व है एनामिल , तथा मनुष्य के सुंदरता का अध्ययन कहलाता है केलोलॉजी , और सामान्य या तंदुरुस्त शरीर का रक्त चाप या धड़कन होती है 120/80 मिमी के बीच , तथा हमारे शरीर में रक्त को परिभ्रमण में लगा समय 23 सेकंड का है , और मानव शरीर में जल की मात्रा है 65 से 80% प्रतिशत इतनी , तथा हमारे शरीर में रक्त की मात्रा होती है हमारे शरीर के वजन का 7% प्रतिशत इतना और मनुष्य शरीर में रक्त होता है 5 से 6 लीटर । और मानव रक्त का pH या क्षारीय माप है 7.4 इतना , तथा मानव शरीर को शुद्ध करता है किडनी और किडनी को ही वृक्क भी कहा जाता है । मानव शरीर में लाल रक्त की रुधिर कनिका बनती है अस्थिमज्जा में तथा लाल रक्त कणो का शरीर में जीवनकाल होता है 20 से 120 दिनों का , स्वेत रक्त कण का जीवनकाल होता है 2 से 4 दिनों का इसी का दूसरा नाम है ग्लूकोमिया , और लाल रक्त कनिकवो को कहा जाता है एरिथ्रोसाइट । मानव शरीर के ताप नियंत्रित करता है हाइपोथेलेमस ग्रंथि , तथा ओ (O) रक्तगट वालो को सर्वदाता रक्त समूह कहा जाता है जिसे की यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है और जो सभी रक्त समूहों को ले सकते है वह रक्त गाठ है AB रक्त गट जिसे की यूनिवर्सल रिसेक्टर कहा जाता है , और ब्लड बैंक कहलाता है प्लीहा जिसको स्पलीन के नाम से भी जाना जाता है। मनुष्य के शरीर में भोजन की पाचन क्रिया का प्रारम्भ होता है मुख से तथा पचे हुए भोजन का अवशोषण होता है छोटी आत से और मानव शरीर के यकृत द्वारा स्रावित होता है पित्त (Bile) , तथा मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है यकृत जिसे की लीवर ग्रंथि भी कहा जाता है । शरीर का सबसे बड़ा अंग है त्वचा और मानव शरीर में सबसे थोटी ग्रंथि है या मास्टर ग्रंथि है पिटुटरी , और मानव शरीर का रक्त चाप या रक्त दाब मापने वाला यंत्र कहलाता है स्फिग्मोमैनोमीटर । मनुष्य में पसलिया पाई जाती है 12 जोड़ी , और शरीर में कुल हड्डियों की कुल संख्या है 206 , तथा मासपेशियो की कुल संख्या है 639 । मानव शरीर में पाए जाने वाला एंजाइम है टायलिन , और पुरुष क्रोमोसोम पर लिंग का निर्धारण भी होता है । मनुष्य का ह्रदय होता है 4 कोष्ठीय , और मानव शरीर में गुणसूत्रों की मतलब की क्रोमोसोम की संख्या है 46, मानव शरीर की सबसे बड़ी कोशिका है तंत्रिका तंत्र , शरीर में एमिनो आम्ल की संख्या होती है 20 , तथा मूत्र में दुर्गन्ध आती है यूरिया के कारन , मानव मूत्र का pH है 6, विटामिन A संचित रहता है यकृत में , मानव शरीर में टिबिया नमक हड्डी होती है पैरो में , शरीर में उत्तको का निर्माण होता है प्रोटीन से , तथा मस्तिष्क का बड़ा भाग प्रमस्तिष्क या सेरेब्रम कहलाता है। मानव शरीर में दाँतो और हड्डियों की संरचना के लिए आवश्यक होता है कैल्शियम और फॉस्फोरस , तो इस पाठ में हमने सम्पूर्ण मानव शरीर में बसी महत्वपूर्ण संरचना को पूर्ण तरीसे से अध्ययन किया है।