भारत का भौतिक स्वरूप Notes


भारत का भौतिक स्वरूप Notes | भारत देश के पर्वत , द्वीप , मैदान , मिट्टी, जलवायु एवं नदियाँ

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भारत देश में स्थित हिमालय पर्वत अवसादी चट्टानों से बना हुआ है , और हिमालय की लम्बाई लगभग 2500 किलो मीटर है । हिमालय एक नविन वलित पर्वत है जिसका निर्माण प्राचीन टेथिस सागर के निक्षेपों से हुआ है , तथा उत्तर के पर्वतीय क्षेत्र को चार समान्तर पर्वत श्रेणियों में बांटा गया है , ट्रांस हिमालय जो की तिब्बत क्षेत्र में है वह हिमाद्रि जिसका की दूसरा नाम महान हिमालय है जो लघु या मध्य हिमालय तथा शिवालिक या बाह्य हिमालय का ही भाग है , हिमालय की सबसे ऊंची श्रेणी हिमाद्रि है , और भारत देश का सर्वोच्च शिखर कंचनगंगा जो की सिक्किम में 8598 मीटर की हाइट पर मौजूद है । हिमाद्रि में स्थित है , विश्व की सबसे ऊंची छोटी माउन्ट एवरेस्ट जिसकी उचाई है 8850 मीटर जो की हिमाद्रि में ही स्थित है । माउन्ट एवरेस्ट को नेपाल में सागरमाथा तथा तिब्बत में चोमोलुंग्मा कहा जाता है , ट्रांस हिमालय महँ हिमालय के उत्तर में है , और काराकोरम , लद्दाख , जास्कर , तथा कैलाश पर्वत श्रेणियों ट्रांस हिमालय में पाई जाती है । भारत देश की सबसे ऊँची छोटी K-2 या गोडविन ऑस्टिन है , जो काराकोरम श्रेणी में स्थित है , तथा ट्रांस हिमालय वृहद या महान हिमालय से हिंज लाइन या शुचर जोन के द्वारा अलग होती है । लघु हिमालय महान हिमालय के दक्षिण में है , और पीरपंजाल जिसे की बनिहाल भी कहा जाता है यह जम्मू कश्मीर में स्थित है , धौलाघर जो की हिमाचल प्रदेश तथा महाभारत श्रेणियों जो की नेपाल में स्थित है , लघु या मध्य हिमालय का भाग है । और लघु हिमालय श्रेणी के डालो पर मिलाने वाले छोटे- छोटे घास के मैदानों को जम्मू- कश्मीर में मार्ग जो की गुलमर्ग , सोनमर्ग में स्थित है, तथा उत्तराखंड में बुग्याल एवं पयार कहा जाता है । तथा शिमला धौलाघर श्रेणी पर स्थित है , और लद्दाख क्षेत्र में स्थित काराकोरम दर्रा भारत देश का सबसे ऊँचा दर्रा है । शिपशीला , बारालाचा- ला तथा रोहतांग दर्रा हिमाचल प्रदेश में अवस्थित है , बुर्जिल और जोजिला दर्रा कश्मीर में है , लिपुलेख , थागला, नीतिला दर्रा उत्तराखंड में है । जेलेप- ला और नाथुला दर्रा सिक्किम में है , और बोमडिला , बुमला , दिफू तथा यांग्यप दर्रा अरुणाचल प्रदेश में अवस्थित है। बारालाचा- ला दर्रा जो की स्थित है हिमाचल प्रदेश में जो की लेह को मनाली से जोड़ता है । और सनकोटा पास या दर्रा तिरुवनंतपुरम तथा मदुरै को तथा एलीफैंटा दर्रा दक्षिणी श्रीलंका को उत्तरी श्रीलंका जो की जाफना नाम से भी प्रख्यात है उससे जोड़ता है । तथा शेवराय पहाड़िया चेन्नई जो की तमिलनाडु में स्थित है और वृहद व लघु हिमालय के मध्य कश्मीरी घाटी , लाहुल- स्फीति , कुल्लू जो की लद्दाख के पीरपंजाल के बिच एवं कांगड़ा घाटिया अवस्थित है । शिमला , कुल्लू , मनाली , दार्जिलिंग , मसूरी , रानीखेत आदि लघु हिमालय में स्थित है । शिवालिक सबसे नवीनतम पर्वत श्रेणी है और शिवालिक जो की हिमालय का पाद प्रदेश है जो श्रेणी का निर्माण सेनोजोइक काल से हुआ है जिसका निचला भाग तराई प्रदेश कहलाता है। और शिवालिक एवं लघु हिमालय के बिच कई घाटिया है , जिन्हे पूर्व में द्वार जो की हरिद्वार कोटद्वार में है तथा पश्चिम में देहरादून भी कहा जाता है । और भारत देश का सबसे प्राचीन पर्वत अरावली एक अपशिष्ट पर्वत है जिसकी सबसे ऊँची छोटी माउन्ट आबू पर स्थित गुरु शिखर है। अरावली की पहाड़िया राजस्थान राज्य में है , और अरावली के पूर्व से बनास नदी निकलती है । तथा अरावली के पश्चिम से लूणी नदी निकलती है जो कच्छ के रन जो की गुजरात राज्य में विलीन हो जाती है । और पूर्वी घाट ओडिसा से तमिलनाडु तक फैली है । महेंद्रगिरी जो की ओडिसा राज्य में पूर्वी घाट का पर्वत है , तथा पश्चिमी घाट जिसका अन्य नाम सह्याद्रि है एक भ्रंश जो की पथरो में कगार है । उत्तरी सह्याद्रि की सर्व्वोच्च शिखर कलसुबाई तथा दक्षिणी सह्याद्रि की कुद्रेमुख है। नीलगिरि की पहाड़िया तमिनाडु में है जो की पश्चिमी एवं पूर्वी घाट के मिलन स्थल पर स्थित है, और नीलगिरि की सबसे ऊँची छोटी दोदाबेटा है । ऊँची उटकमंड जो की नीलगिरि में स्थित है । थालघाट , भोरघाट एवं पायघाट दरें पश्चिमी घाट पर्वत में स्थित है , और थालघाट नाशिक- मुंबई , भोरघाट मुंबई- पुना , पालघाट कोयम्बटूर- कोच्ची को जोड़ता है तथा गुजरात से गोवा तक का तटीय क्षेत्र कोंकण तट तथा मंगलुरु से कन्याकुमारी तक का तटीय क्षेत्र मालाबार तट कहलाता है । भारत देश का पूर्वी समुद्री तट जो की तमिलनाडु और आंध्रा प्रदेश के तट यह कोरोमंडल तट कहलाता है , कोडाइकनाल जो की तमिलनाडु में है वह पालवी पहाड़ी पर स्थित है, दक्षिण भारत की ऊँची छोटी अनाईमुडी है । और अन्नाईमुदि की अन्नामलाई की पहाड़ी पर स्थित है , भारत देश में सबसे बड़ा पत्थर दक्कन का पठार है , जो बेसालत चट्टानों से बना है । तथा दक्कन का पूर्वी भाग विदर्भ कहलाता है , और धारवाड़ का पठार कर्णाटक राज्य में है और माहिम तट तथा दक्कन पठार महाराष्ट्र में है । तथा छोटानागपुर पठार भारत का रुर कहलाता है जिसकी सबसे ऊँची पर्वत छोटी पारसनाथ है । और मालवा पठार जो की मध्य प्रदेश के अरावली तथा दक्षिणी में विंध्य श्रृंखलाओं के मध्य स्थित है तथा गारो खासी और जयंतिया पहाड़ी मेघालय में है ।


 

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