वर्तमान वित्त आयोग क्या है?


वर्तमान वित्त आयोग क्या है?  | वित्त आयोग 

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संविधान के अनुच्छेद – 280 में केंद्रीय वित्त आयोग के गठन का प्रावधान किया गया है , वित्त आयोग का गठन भारत देश के राष्ट्रपति 5 वर्ष के लिए करता है एवं आवश्यकतानुसार 5 साल से पहले भी कर सकता है । वित्त आयो एक संवैधानिक और सलाहकारी निकाय है , तथा इसको मानाने के लिए सरकार बाध्य नहीं है । वित्त आयोग में राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यक्ष एवं चार अन्य सदस्य नियुक्त किये जाते है । वित्त आयोग का अध्यक्ष वही व्यक्ति होगा जिसे सार्वजनिक मामलों में पर्याप्त अनुभव या जानकारी होगी । सदस्यों के लिए कहा गया है की ऐसे व्यक्ति को सदस्य बनाया जाएगा जो उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनाने की योग्यता रखता हो या वित्तीय मामलों का अच्छा विशेषज्ञ हो । वित्त आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की योग्यता क्या होगी इसको निर्धारित करने का अधिकार संसद को प्राप्त है । वित्त आयोग का मुख्या कार्य केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बिच करो के वितरण की हिस्सेदारी तय करना है । वित्त आयोग केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बिच कर वितरण का लेखा- जोखा भी रखता है जो प्रतिवर्ष राष्ट्रपति को सौंपता है और राष्ट्रपति दोनों सदनों के सामने प्रस्तुत करता है । और केंद्र और राज्यों के मध्य वित्तीय विवादों के निपटारे हेतु मुख्य एजेन्सी वित्त आयोग है , तथा प्रथम वित्त आयोग का गठन 1951 के साल में हुआ था। प्रथम वित्त आयोग के अध्यक्ष के सी नियोगी थे जिनका कार्यकाल 1952 से 57 के बिच का था , और वर्त्तमान में 15 वा वित्त आयोग कार्यरत है 15 वे वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह थे और 14 वे वित्त आयोग का कार्यकर 2015 से 2000 के बिच का था तथा इसके अध्यक्ष वाईवी रेड्डी थे , 22 नवम्बर 2017 को 15 वे वित्त आयोग के गठन की मंजूरी निलने के बाद एन के सिंह को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया गया । और आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव शक्तिकांत दस थे तथा पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहगार अशोक लाहिड़ी जी थे , निति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र तथा जॉर्ज टाउन यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अनूप सिंह 15 वे आयोग के सदस्य बनाये गए है , 15 वे वित्त आयोग की शिफारिशें 1 अप्रैल 2020 से शुरू होकर अगले पांच साल अर्थात 2020- 25 तक की अवधि के लिए होगी । और राज्य वित्त आयोग का गठन अनुच्छेद – 243(I) के तहत किया गया है ।


 

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