जम्मू कश्मीर UT में कितने जिले हैं? | UT जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर एक केंद्रशासित प्रदेश है और इस राज्य का गठन हुआ 31 अक्टूबर 2019 को और इसकी ग्रीष्म कालीन राजधानी है श्रीनगर और शीतकालीन राजधानी जम्मू है । और इसका क्षेत्रफल है 42,241 वर्ग किलो मीटर , और जम्मू कश्मीर की कुल जनसंख्या या आबादी है 99.4 लाख और जम्मू कश्मीर की राजकीय भाषा उर्दू , डोगरी , कश्मीरी , हिंदी और अंग्रेजी को मन गया है । उच्च न्यायलय है जम्मू कश्मीर उच्च न्यायलय और इसकी सीमाए जुडी हुई है उत्तर-पूर्व में केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख से और दक्षिण में हिमाचल प्रदेश और पंजाब तथा पश्चिम में पाकिस्तान से जम्मू कश्मीर राज्य की सिमा रेखाए जुड़ती है । जम्मू में कुल जिलों की संख्या है 22 जिनका नाम है अनंतनाग , बांदीपोरा , बारामुला , कुलगाम , बड़गांव , डोडा , गांदरबल , जम्मू , कठुआ , किश्तवाड़ , पुँछ , कुपवाड़ा , पुलवामा , रामबन , रियासी , राजौरी , सांबा , शोफिया , श्रीनगर , उधमपुर , मीरपुर, तथा मुजफ्फराबाद यह जम्मू कश्मीर राज्य के जिले थे और विधानसभा सदस्यों की 114 इतनी संख्या है । तथा विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है । लोकसभा सदस्यों की संख्या भी 5 ही है । तथा राज्य सभा सदस्यों की 4 इतनी संख्या है । और जम्मू कश्मीर में सबसे बड़ा जिला किश्तवाड़ है । और प्रथम उप राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू थे । तथा केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की सिमा दो राज्यों जो की पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश में स्थित है और एक केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख से लगाती है। केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख की सिमा एक राज्य जो की हिमाचल प्रदेश और एक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर से लगाती है । केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर एक मात्र देश पाकिस्तान से अपनी अंतर्राष्ट्रीय सीमा साझा कराती है । 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू कश्मीर विधिवत रूप से केंद्रशासित प्रदेश बना , और राज्य के रूप में जम्मू कश्मीर की स्थापना 26 अक्टूबर 1947 को हुई थी । 17 अक्टूबर 1949 को जम्मू कश्मीर राज्य में अनुच्छेद -370 लागु हुआ था । संविधान के भाग -21 में वर्णित अनुच्छेद – 370 का सम्बन्ध जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा से था । वर्त्तमान में विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों की कुल संख्या 10 है । 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त हुआ । जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद -370 का खंड – 1 नहीं हटाया गया है । जम्मू कश्मीर में धरा – 35A को 14 मई 1954 को लागु किया गया था । जम्मू कश्मीर का संविधान 26 जनवरी , 1957 को लागु हुआ था, तो हमने इस पाठ में सम्पूर्ण भारत देश के जम्मू कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश या राज्य की सम्पूर्ण महत्वपूर्ण जानकारी का पूर्ण पठन व अध्ययन किया है ।
UT दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव
केंद्रशासित प्रदेश का नया नाम है दादर और नागर हवेली और दमन और दीव हुआ था । और इस केंद्रशासित प्रदेश का स्थापना वर्ष है 26 जनवरी 2020 के साल में हुई थी , और इस केंद्रशासित प्रदेश की राजधानी दमन है। क्षेत्रफल की दृष्टी से यह केंद्रशासित प्रदेश का माप 603 वर्ग किलो मीटर है । और इस केंद्रशासित प्रदेश में जिलों की संख्या है 3 , और केंद्रशासित प्रदेश में लोकसभा सीटों को संख्या 2 है । और उच्च न्यायलय स्थित है बॉम्बे उच्च न्यायलय जो को मुंबई राज्य में स्थित है । अरु प्रथम प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल जी थे । और इस केंद्रशासित प्रदेश की प्रमुख भाषाए है कोकणी , गुजराती और हिंदी , दीव मुंबई के समीप अरब सागर में एक द्वीप है जबकि दमन गुजरात राज्य के वलसाड जिले के नजदीक स्थित है । नागर हवेली जो की गुजरात एवं महाराष्ट्र के बीच स्थित है । दादरा चारो तरफ से गुजरात से घिरा है तथा नागर हवेली से 1 किलो मीटर जो की उत्तर- पश्चिम में है । और दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव के बीच की दुरी 35 किलो मीटर है । तथा दमन एवं दीव के बीच खम्बात की कड़ी एवं अरब सागर स्थित है । 1779 से 1954 तक दादर और नागर हवेली पुर्तुगालियो के अधीन रहा था और 1954 में मुफ्त होने के बाद 11 अगस्त 1961 को भारत देश का केंद्रशासित प्रदेश बना। 1961 में पुर्तुगालियो से मुफ्त होने के बाद 1987 तक दमन एवं दीव गोवा का हिस्सा था । 30 मई 1987 को 25 वे राज्य के रूप में गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा किया गया तथा 57 वे संविधान संशोधन द्वारा गोआ से अलग होकर दमन एवं दीव केंद्रशासित प्रदेश बना ।
दादर और नागर हवेली एवं दमन और दीव का विलय
दो केंद्रशासित प्रदेशो दादर और नागर हवेली और दमन और दीव के विलय हेतु दादर और दमन और दीव के विलय हेतु दादर और नागर हवेली और दमन और दीव जो की केंद्रशासित प्रदेशो में विलित कर दिए गए और विधेयक जो की 2019 केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी कृशन रेड्डी द्वारा संसद में पेश किया गया था । यह विधेयक 27 नवम्बर 2019 को लोक सभा से तथा 3 दिसंबर 2019 को राज्य सभा से पारित किया गया था । 9 दिसंबर को 2019 में राष्ट्रपति के स्वीकृति के बाद 26 जनवरी 2020 से दादर और नगर हवेली और दमन और दीव का विलय एक केंद्रशासित प्रदेश के रूप में प्रभावी हो गया । और विलय का मुख्य उद्देश्य न्यूनतम सरकार अधिकत्तम शासक है , तो इस तरह से हमने सम्पूर्ण केंद्रशासित प्रदेश का अभ्यास व पठन किया है जिसकी जानकारी हमने पूर्ण तरीके से आपसे साँजा की है ।