कृषि और पशुपालन क्या है? | What is animal husbandry in Class 8?
केंचुआ किसान का मित्र तथा प्रकृति का हलवाहा कहलाता है और मिटटी की उर्वरकता बनाए रखने के लिए फसल चक्र पद्धति अपनाई जाती है तथा पौधो में पत्तो के पृष्ठ पर पाए जाने वाले लघु छिद्रो को रंध्र (Stomata) कहते है । बिना बीज के फलो को विक्सित करने क्रिया टिशू कल्चर कहलाता है और वृक्षों की मृत काष्ठ को हद कास्ट कहते है तथा बीजो का अध्ययन स्पर्मोलॉजी कहलाता है , कच्चे फलो को पकाने के लिए एथीलीन या एसिटिलीन गैस का प्रयोग किया जाता है और मैंग्रोव उष्णकटिबंधीय तटीय वनस्पति है जो खरे पानी में उगता है तथा बैलोफाइटा वनस्पति जगत का बड़ा समूह है और समुद्री शैवाल में अल्जेनिक अम्ल होता है। सरसो का वैज्ञानिक नाम बेसिक कम्प्रेसटिस है और राष्ट्रिय दृश्य एवं ग्रामीण विकास बैंक जो की नाबार्ड (NABARD) के नाम से भी जनि जाती है इसकी स्थापना 12 जुलाई , 1982 ईसवी को की गई थी । शिवरामन समिति का सम्बन्ध नाबार्ड जिसका की मुख्यालय मुंबई में से ही है और हरियाली योजना जो की जल प्रबंधन से सम्बंधित है तथा वरुणा योजना कृत्रिम वर्षा से सम्बंधित है । राष्ट्रिय जल निति 1987 में लागु हुई थी , कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट को किसान खाद कहा जाता है तथा वन शोध संस्थान देहरादून में है और सर्वाधिक पशुधन वाला राज्य उत्तर प्रदेश है तथा केंद्रीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान संस्थान उत्तर प्रदेश के इज्जतनगर जो की बरेली में स्थित है , और भारत देश में सर्वाधिक कृत्रिम गर्भाधान 1942 में इज्जतनगर जो की बरेली उत्तर प्रदेश में जिसका प्रारम्भ हुआ था । कृत्रिम गर्भाधान के लिए बैल के वीर्य को द्रव नाइट्रोजन में रखा जाता है और सर्वाधिक वसा रेडियर के दूध में होता है तथा पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञानं विभाग की स्थापना 1 फरवरी 1991 को हुई था । केंद्रीय भैंस अनुसन्धान संस्थान हिसार जो की हरियाणा राज्य में स्थित है जबकि केंद्रीय बकरी अनुसन्धान संस्थान मखदूस , उत्तर प्रदेश राज्य में है और सर्वाधिक दूध देनेवाली बकरी जमुनापारी तथा भैंस मुर्रा है तथा भैंस का वैज्ञानिक नाम बुबेलस बुबेलिस है और भैंस के दूध में वसा की मात्रा 7.2% होती है तथा मेहसाना, सुरती, जाफराबादी भैंस की नस्ले है और भारतीय गायों को Tea cup cow जबकि बकरी को गरीबो की गाय कहा जाता है । गरीब की कामधेनु बकरी को कहा जाता है बकरी का वैज्ञानिक नाम कैप्रा हिरकस है और सनेन नस्ल जो की स्वित्झर्लैंड में पाई जाती है यह बकरी को विश्व की दूध की रानी कहा जाता है और एंग्लो नूबियन बकरी को जर्सी कहा जाता है । और गाय का वैज्ञानिक नाम Bos Indicus है और गायो की सबसे अच्छी नस्ल कांकरेज है तथा विश्व पशुपालन दिवस 4 अक्टूबर को मनाया जाता है । और अंगोरा ऊन ‘खरगोश’ से तथा पश्मीना ऊन ‘बकरी’ से प्राप्त होता है। देशभर में गांव की 32 तथा भैंस की 7 नस्ले जबकि बकरियों की 21 नस्लें पायी जाती है और बच्चो वाली गाय को डैम (Dam) कहते है तथा भैसो की गर्भवती 310 दिन की होती है और बकरी का 150 दिन तथा ऊँट का 365-400 दिन की होती है । एंथ्रेक्स रोग गाय तथा भैसो में होती है और रानीखेत मुर्गियों जिसे की पोल्ट्री भी कहा जाता है इसकी एक वायरस जो की म्युकेसल रोग विषाणु जनित रोग है तथा मुर्गी का वैज्ञानिक वैज्ञानिक नाम गैलस डोमेस्टिकस है, मुर्गी के अंडे का औसत भर 55 ग्राम होता है और मुर्गी के अंडे में प्रोटीन 12% होती है और सारंग मधुमक्खी की नस्ल है तथा मधुमक्खी की मध में शर्करा 78% होती है । भेड़ का वैज्ञानिक नाम ओवीस एरीज है और भेड़ का गर्भकाल लगभग 150 दिन होता है और सबसे पहला क्लोन्ड स्तनधारी डॉली एक भेड़ है तथा सर्वाधिक भेड़े ऑस्ट्रेलिया में पाई जाती है, सबसे ज्यादा ऊन प्रदान करने वाली भेड़ मेरिनो भेड़ है । कुत्ता का वैज्ञानिक नाम केनिस फैमिलरिस है और कुत्ता में गुणसूत्रों को संख्या 78 होती है तथा बकरी का मांस चेवन या मटन के नाम से जाना जाता है , गाय का मांस बीफ कहलाता है और हिरन का मांस वेनिसन कहलाता है, सुवर का मांस पोर्क (Pork) कहलाता है । टोमवर्थ , बर्कशायर सूअर की एक नस्ल है और मांस उत्पादन के लिए पाले जाने वाली मुर्गिया को ब्रॉयलर्स कहा जाता है और सारंग, मूंगा , खैरा मधुमक्खी की नस्ले है तथा मादा में बच्चे पैदा होने के बाद का पहला दूध का स्त्राव (Secretion) खीस कहलाता है , मोती पिंकटेड़ा जंतु से निकाला जाता है। पक्षियों का अध्ययन ऑर्निथेलॉजी तथा कीटो का अध्ययन एंटोमोलोजी कहलाता है और अमरबेल जिसे की कस्तुटा भी कहा जाता है यह पूर्ण तना परजीवी है तथा जीव- जातियों के नामकरण व वर्गीकरण का अध्ययन टेक्सोनोमी कहलाता है । स्तनधारियों में सबसे बड़ी आँख हिरण तथा जन्तुओ में शुतुरमुर्ग जिसे की ऑस्ट्रिच भी कहा जाता है उससे होती है और मच्छरों का समूह स्वार्म (Swarm) कहलाता है तथा मछलियों का अध्ययन इक्थियोलॉजी तथा तितलियों का अध्ययन लैपिडेटेरियोलॉजी कहलाता है , मछलियाँ पीसीज वर्ग में आती है और मछलियों में श्वसन गलफड़ो द्वारा होता है तथा मछलियों में होने वाला सफ़ेद रोग प्रोटोजोआ के कारण होता है । मकड़ियों का अध्ययन एरेनिओलॉजी कहलाता है और अंडा का बाहरी खोल तथा शंख कैल्शियम कार्बोनेट का बना होता है ।